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काम और समय (Work and Time)

महत्वपूर्ण सूत्र

(1) यदि कोई व्यक्ति x दिन में एक काम करता है, तो वह 1 दिन में 1/x भाग काम करेगा।

(2) यदि कोई नल y घंटे में 1 हौज को भरता है , तो उस नल द्वारा 1 घंटे में भरा हौज 1/ y भाग होगा।

(3) यदि कोई व्यक्ति किसी काम का 1/m भाग 1 घंटे में करता है, तो व्यक्ति पूरा काम m घंटे में करेगा।

(4) यदि A किसी काम को m दिनों में तथा B उसी काम को n दिनों में करता है, तो दोनों मिलकर उस काम को


                      दिनों में पूरा करेगा।

(5) यदि A और B किसी काम को m दिनों में तथा अकेले उस काम को n दिनों में कर सकता है, तो B उस काम को

दिनों में पूरा करेगा।

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उत्तरवर्ती या अनुवर्ती संख्याएँ

किसी प्राकृतिक संख्या से ढीक अगली प्राकृतिक संख्या उसकी उत्तरवर्ती या अनुवर्ती होती है। किसी भी प्राकृतिक संख्या में 1 जोड़कर उससे अगली अर्थात उत्तरवर्ती या अनुवर्ती संख्या प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण - संख्या 15 की उत्तरवर्ती 15+1 =16                         17 की उत्तरवर्ती 17+1 =18

कर्म के आधार पर क्रिया

कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं। (1) अकर्मक क्रिया (2) सकर्मक क्रिया (1) अकर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का फल सीधा कर्ता पर ही पड़े वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं । ऐसी अकर्मक क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं होती । अकर्मक क्रियाओं के उदाहरण- (i) गौरव रोता है । (ii) साँप रेंगता है । (iii) रेलगाड़ी चलती है । (2) सकर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का फल (कर्ता को छोड़कर) कर्म पर पड़ता है वे सकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इन क्रियाओं में कर्म का होना आवश्यक हैं । जैसे- (i) भँवरा फूलों का रस पीता है । (ii) रमेश मिठाई खाता है ।

गण किसे कहते है?

वर्णिक छंदों की गणना 'गण' के क्रमानुसार की जाती है। तीन वर्णों का एक गण होता है। गणों की संख्या आठ होती है। जैसे :- यगण, तगण, लगण, रगण, जगण, भगण, नगण और सगण। गुणसूत्र:- " यमाताराजभानसलगा " जिस गण को जानना हो उस गण के पहले अक्षर को लेकर आगे के फ़ो अक्षरों को मिलाकर वह गण बन जाता है। जैसे :- यमाता में l S S लघु गुरु गुरु यगण