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उपमा अलंकार के अंग

उपमा अलंकार के चार अंग है:-
1)-उपमेय:-जिसका वर्णन हो या उपमा दी जाए।
2)-उपमान:- जिससे तुलना की जाए।
3)-वाचक शब्द:- समानता बताने वाले शब्द।
जैसे-सा, सम, सी, ज्यो, तुल्य आदि।
4)-साधरण धर्म:-उपमेय और उपमान के समान धर्म को व्यक्त करने वाले शब्द।

उदाहरण:-
"बढ़ते नद सा वह लहर गया "
यहाँ राणा प्रताप का घोडा चेतक(वह) उपमेय है, बढ़ता हुआ नद ( उपमान) सा ( समानता वाचक शब्द या पद ) लहर गया(सामान धर्म)।

उपमा अलंकार दो प्रकार के होते हैं:-

1)- पुणोर्पमा अलंकार-जहाँ उपमा अलंकार के चारों अंग विधमान होते हैं, वहाँ पुणोर्पमा अलंकार होता है।

जैसे:-"मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है"।
इस वाक्य में उपमा के चारों अंग विधमान हैं।

2)- लुप्तोपमा अलंकार- जहाँ उपमेय, उपमान, वाचक और साधारण धर्म में से कोई एक भी लुप्त हो जाय, वहाँ लुप्तोपमा अलंकार होता है।

जैसे:- "मुख चन्द्रमा के समान है।"
इस वाक्य में ' साधारण धर्म' 'सुन्दर' लुप्त है।

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