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हिंदी वर्णमाला और विराम चिन्ह से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु पार्ट -3(PCS,V.D.O.,UPSSSC.,UPTET,SUPER TET, LEKHPAL BHARTI etc.)

                                       व्यंजनों का वर्गीकरण 


*आगत व्यंजनों की संख्या = 2
* संयुक्त व्यंजनों की संख्या = 4
* अंतस्थ व्यंजन = य,र,ल,व
* अर्ध स्वर = य, व
* पार्श्विक व्यंजन हैं = ल 
* लुण्ठित व्यंजन हैं =
* ऊष्म - संघर्षी व्यंजन = स,श, ष,ह
* उत्क्षिप्त व्यंजन = ड़, ढ़

* अघोष व्यंजन = प्रत्येक वर्ग के प्रथम और द्वितीय वर्ण तथा फ़, श, ष, स

*सघोष व्यंजन = प्रत्येक वर्ग का तृतीय, चतुर्थ, पंचम वर्ण तथा ड़, ढ़, ज़, य, र,ल,व,ह (सभी स्वर सघोष है)।

*अल्पप्राण व्यंजन = प्रत्येक वर्ग में 1,3,5 वर्ण तथा अन्तःस्थ वर्ण
                 (Trick अल्पप्राण व्यंजन = 135 अन्तःस्थ)

*महाप्राण व्यंजन = प्रत्येक वर्ग के 2 4 वर्ण तथा ऊष्म वर्ण
                   (Trick महाप्राण व्यंजन = 24 ऊष्म)

हिदी वर्णमाला और विराम चिन्ह से संबं

धित महत्वपूर्ण बिंदु पार्ट -2(PCS,V.D.O.,UPSSSC.,UPTET,SUPER TET, LEKHPAL BHARTI etc.)

Comments

  1. hindi varnamala thank you for such a great post. Keep it up sir

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. Hi Satyendra, also take a look this hindi varnamala words https://gurukul99.com/hindi-varnamala by Gurukul99

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उत्तरवर्ती या अनुवर्ती संख्याएँ

किसी प्राकृतिक संख्या से ढीक अगली प्राकृतिक संख्या उसकी उत्तरवर्ती या अनुवर्ती होती है। किसी भी प्राकृतिक संख्या में 1 जोड़कर उससे अगली अर्थात उत्तरवर्ती या अनुवर्ती संख्या प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण - संख्या 15 की उत्तरवर्ती 15+1 =16                         17 की उत्तरवर्ती 17+1 =18

कर्म के आधार पर क्रिया

कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं। (1) अकर्मक क्रिया (2) सकर्मक क्रिया (1) अकर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का फल सीधा कर्ता पर ही पड़े वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं । ऐसी अकर्मक क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं होती । अकर्मक क्रियाओं के उदाहरण- (i) गौरव रोता है । (ii) साँप रेंगता है । (iii) रेलगाड़ी चलती है । (2) सकर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का फल (कर्ता को छोड़कर) कर्म पर पड़ता है वे सकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इन क्रियाओं में कर्म का होना आवश्यक हैं । जैसे- (i) भँवरा फूलों का रस पीता है । (ii) रमेश मिठाई खाता है ।

थार्नडाइक का प्रयोग

थार्नडाइक ने अपना प्रयोग भूखी बिल्ली पर किया। बिल्ली को कुछ समय तक भूखा रखने के बाद एक पिंजरे(बॉक्स) में बन्ध कर दिया। जिसे  "पज़ल बॉक्स"(Pazzle Box) कहते हैं। पिंजरे के बाहर भोजन के रूप में थार्नडाइक ने मछली का टुकड़ा रख दिया। पिंजरे के अन्दर एक लिवर(बटन) लगा हुआ था जिसे दबाने से पिंजरे का दरवाज़ा खुल जाता था। भूखी बिल्ली ने भोजन (मछली का टुकड़ा) को प्राप्त करने  व  पिंजरे से बाहर निकलने के लिए अनेक त्रुटिपूर्ण प्रयास किए। बिल्ली के लिए भोजन   उद्दीपक का  काम कर  रहा था ओर उद्दीपक के कारण बिल्ली प्रतिक्रिया कर रही थी।उसने अनेक प्रकार  से बाहर निकलने  का प्रयत्न  किया।एक बार संयोग से उसके पंजे से लिवर दब गया। लिवर दबने से पिंजरे  का दरवाज़ा खुल गया ओर भूखी बिल्ली ने पिंजरे से बाहर निकलकर भोजन को खाकर अपनी  भूख को शान्त किया। थार्नडाइक ने इस प्रयोग को बार- बार  दोहराया। तथा देखा कि प्रत्येक बार बिल्ली को बाहर  निकलने में पिछली बार से कम समय  लगा ओर  कुछ समय बाद बिल्ली बिना किसी भी प्रकार की भूल  के एक ही प्रयास में पिंजरे का दरवाज़ा  खोलना सीख गई। इस प्रकार उद्दीपक ओर अनुक्रिय