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संदेह अलंकार

जब उपमेय और उपमान में समता देखकर यह निश्चय नही हो पाता कि उपमान वास्तव में उपमेय है या नहीं। जब यह दुविधा बनी रहती है,तब संदेह अलंकार होता है।

उदाहरण:-
"बाल धी विसाल विकराल ज्वाल-जाल मानौ,
लंक लीलिवे को काल रसना पसारी

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