प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन नए-नए अनुभव एकत्रित करता है, इन नए अनुभवों से उसके व्यवहार में परिवर्तन आता है। इस प्रकार नए अनुभव एकत्रित करना तथा इनसे व्यवहार में परिवर्तन आने की प्रक्रिया ही अधिगम है। अधिगम प्रक्रिया निरंतर चलने वाली ओर सार्वभौमिक प्रक्रिया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि सिखना अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है।
अधिगम की परिभाषायें :-
1. स्किनर के अनुसार, “अधिगम व्यवहार में उतरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।”
2. वुडवर्थ के अनुसार, “नवीन ज्ञान ओर नवीन प्रतिक्रियाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया ही अधिगम है।”
3. क्रो एवं क्रो के अनुसार, “आदतों, ज्ञान ओर अभिवृतिओं का अर्जन ही अधिगम है।”
4. गिलफोर्ड के अनुसार, “व्यवहार के कारण व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है।”
5. गेट्स व अन्य के अनुसार, “अनुभव और प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है।”
6. मार्गन एवं गिलीलैण्ड के अनुसार, “सीखना, अनुभव के परिणामस्वरूप प्राणी के व्यवहार में परिमार्जन है जो प्राणी द्वारा कुछ समय के लिए धारण किया जाता है।
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