. विशेषक सिद्धान्त : इस सिद्धान्त का प्रतिपादन कैटल ने किया था। उसने कारक विश्लेषण नाम की सांख्यिकीय प्रविधि का उपयोग करके व्यक्तित्व को अभिव्यक्त करने वाले कुछ सामान्य गुण खोजे, जिन्हें 'व्यक्तित्व विशेषक'नाम दिया। इसके कुछ कारक है- धनात्मक चरित्र, संवेगात्मक स्थिरता, सामाजिकता, बृद्धि आदि।
कैटल के अनुसार व्यक्तित्व वह विशेषता है, जिसके आधार पर विशेष परिस्थिति में व्यक्तित के व्यवहार का अनुमान लगाया जाता है। व्यक्तित्व विशेषक मानसिक रचनाएँ है। इन्हे व्यक्ति के व्यवहार प्रक्रिया की निरंतरता व नियमितता के द्वारा जाना जा सकता है।
किसी प्राकृतिक संख्या से ढीक अगली प्राकृतिक संख्या उसकी उत्तरवर्ती या अनुवर्ती होती है। किसी भी प्राकृतिक संख्या में 1 जोड़कर उससे अगली अर्थात उत्तरवर्ती या अनुवर्ती संख्या प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण - संख्या 15 की उत्तरवर्ती 15+1 =16 17 की उत्तरवर्ती 17+1 =18
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