1. कैचमर का शरीर रचना पर आधारित वर्गीकरण :
(i). शक्तिहीन (एस्थेनिक)
(ii). खिलाड़ी (एथलेटिक)
(iii). नाटा (पिकनिक)।
2. कपिल मुनि का स्वभाव पर आधारित वर्गीकरण :
(i). सत्व प्रधान व्यक्ति
(ii). राजस प्रधान व्यक्ति
(iii). तमस प्रधान व्यक्ति।
3. थार्नडाइक का चिंतन पर आधारित वर्गीकरण :
(i). सूक्ष्म विचारक
(ii). प्रत्यक्ष विचारक
(iii). स्थूल विचारक।
4. स्प्रेंगर का समाज सम्बंधित वर्गीकरण :
(i). वैचारिक
(ii). आर्थिक
(iii). सौंदर्यात्मक
(iv). राजनैतिक
(v). धार्मिक
(vi). सामाजिक।
5. जुंग द्वारा किया गया मनोवैज्ञानिक वर्गीकरण :
वर्तमान में जुंग का वर्गीकरण सर्वोत्तम माना जाता है। इन्होंने मनोवैज्ञानिक लक्षणों के आधार पर व्यक्तित्व के तीन भेद माने जाते है-
(i). अन्तर्मुखी-अंतर्मुखी झेंपने वाले, आदर्शवादी और संकोची स्वभाव वाले होते है। इसी स्वभाव के कारण वे अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में असफल रहते है। ये बोलना और मिलना कम पसंद करते है। पढ़ने में अधिक रूचि लेते है। इनकी कार्य क्षमता भी अधिक होती है।
(ii). बहिर्मुखी-बहिर्मुखी व्यक्ति भौतिक और सामाजिक कार्यो में विशेष रूचि लेते है। ये मेलजोल बढ़ाने वाले और वाचाल होते हैं। ये अपने विचारों और भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकते हैं। इनमे आत्मविश्वास चरम सीमा पर होता है और बाह्य सामंजस्य के प्रति सचेत रहते है।
(iii). उभयमुखी-इस प्रकार के व्यक्ति कुछ परिस्थितियों में बहिर्मुखी तथा कुछ में अंतर्मुखी होते है। जैसे एक व्यक्ति अच्छा बोलने वाला और लिखने वाला है, किन्तु एकांत में कार्य करना चाहता है।
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